कौन है जया किशोरी ,जानिए उनके सकारात्मक व्यक्तित्व व सफलता के बारे में

जया किशोरी एक कथा वाचक और भजन गायिका के रूप में जानी जाती हैं. कथाओं द्वारा आने वाले फीस का एक बड़ा हिस्सा वे दिव्यांग और अपंग लोगों के लिए अस्पताल चलाने वाली एक संस्था को दान देती हैं. इसके अलावा गरीबों की आर्थिक मदद भी करती हैं. बता दें कि एक कथा के लिए जया किशोरी करीब 10 लाख रुपये तक फीस लेती हैं.

जया किशोरी जो कमाई करती हैं उसका बहुत बड़ा हिस्सा वह नारायण सेवा संस्थान को डोनेट कर देती हैं। यह संस्था दिव्यांग और अनाथ बच्चों की बेहतरी के लिए काम करता है।
जया किशोरी के परिवार की बात करें तो वह दो बहन हैं। पिता बड़ी बेटी जया किशोरी के मैनेजर की तरह काम करते हैं। जया अकसर कहती भी हैं कि आज वह जहां भी हैं उसके पीछे उनके पिता और परिवार का बड़ा हाथ है।

एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुईं। घर में पूजा-पाठ का माहौल था, तो बचपन से ही जया का झुकाव कृष्ण भक्ति की ओर रहा. उम्र के नवें साल में ही जया संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम् आदि स्तोत्र गा लेती थीं। वो कोलकाता के महादेवी बिड़ला वर्ल्ड एकेडमी से पढ़ी हैं.

जया ने शुरुआती दीक्षा पं गोविंदराम मिश्र से ली थी। वो जया को राधा कहकर बुलाते थे। उन्होंने ही कृष्ण के प्रति प्रेम को देखते हुए जया को 'किशोरी जी' की उपाधि दी थी। अब जया अपने भक्तों के बीच जया किशोरी के नाम से जानी जाती हैं और जब वो 'नानी बाई का मायरा, नरसी का भात' नाम से सत्संग करती हैं, तो लाखों की भीड़ जुटती है