ये है देश की पहली महिला आईएएस, जिन्होने पहले ही प्रयास में आईएएस बनकर इतिहास में अपना नाम दर्ज किया

भारत की सबसे कठिन परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग में हर साल लाखों अभ्यर्थी शामिल होते हैं, इसमें कई परीक्षार्थी अपनी मेहनत और लगन के बल पर परीक्षा को पास करते हैं। आईएएस की परीक्षा में पास होने वालों में पुरुषों के अलावा महिलाएं भी होती हैं। कई महिलाएं तो अपनी देश विदेश की अच्छी खासी नौकरी छोड़ सिविल सेवा की तैयारी करती हैं और पास होने के बाद प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनती हैं।
जितना आसान आज लड़कियों के लिए किसी भी सरकारी सेवा का हिस्सा बनना है, वह पहले इतना आसान नहीं हुआ करता था। इतिहास में कई महिलाओं ने आज की नारी के लिए हर क्षेत्र में शामिल होने के रास्ते खोले। बात सिविल सेवा की ही करें तो लोगों को यह पता होगा कि सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले पहले भारतीय रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर थे। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत की पहली आईएएस महिला कौन थीं, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी? जानिए देश की पहली भारतीय महिला आईएएस के बारे में।
देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी का नाम
देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी का नाम अन्ना राजम मल्होत्रा है। अन्ना राजम मल्होत्रा 1951 में भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा में शामिल हुईं थीं और इस आईएएस की परीक्षा पास कर देश की पहली महिला अफसर बनीं।
आईएएस अन्ना राजम मल्होत्रा का जीवन परिचय
देश की पहली महिला अफसर अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म केरल में हुआ था। अन्ना राजम केरल के एर्नाकुलम जिले में 17 जुलाई 1924 में पैदा हुईं थीं। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा कोझिकोड से की। बाद में चेन्नई में स्थित मद्रास विश्वविद्यालय से अपनी आगे की शिक्षा पूरी की। कॉलेज पूरा होने के बाद अन्ना राजम ने प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला लिया और सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी।
यह अन्ना राजम मल्होत्रा की मेहनत और लगन का ही परिणाम था कि पहले ही प्रयास में 1951 में उन्होंने संघ प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली और देश की पहली महिला आईएएस अफसर बनकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया। अन्ना राजम ने मद्रास कैडर से ट्रेनिंग ली।
आईएएस अन्ना राजम का करियर
आईएएस बनने बाद अन्ना राजम ने अपने सेवा काल में देश के दो प्रधानमंत्रियों और सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया। उनकी सेवा काल में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ काम किया। 1982 में दिल्ली में एशियाई खेलों का आयोजन हुआ। उस दौरान अन्ना राजम मल्होत्रा एशियाई खेलों की प्रभारी के तौर पर कार्यरत थीं। अन्ना राजम मल्होत्रा ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवा दी थी।
अन्ना राजम मल्होत्रा की उपलब्धि
रिटायरमेंट के बाद अन्ना राजम मल्होत्रा ने प्रसिद्ध होटल लीला वेंचर लिमिटेड के डायरेक्टर पद पर कार्य किया। बाद में देश की सेवा करने के लिए अन्ना राजम मल्होत्रा को साल 1989 में भारत सरकार ने पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया।