मिलिए हरियाणा की इन तीन सगी आईएएस बहनों से और जानिए सफलता और संघर्ष की कहानी

भारत में अधिकतर हर युवा आईएएस बनने का सपना देखता है। अपने सपने को साकार करने के लिए कई युवा कड़ी मेहनत करते हैं। आईएएस की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है। आईएएस बनने के लिए हर वर्ष लाखों उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं मगर कुछ ही उम्मीदवारों का सपना पूरा हो पाता है।
ऐसे में असफल रहे लोग कई बार इस परीक्षा को पार करने के लिए बार-बार कड़ी मेहनत करते हैं। वहीं, कुछ लोग हार मान जाते हैं। मगर, हरियाणा की तीन बहनों ने कई मुश्किलों का सामना करने के बाद भी अपना यह सपना अधूरा नहीं छोड़ा और आईएएस बनीं। यह तीन बहनें केशानी आनंद अरोड़ा, मीनाक्षी चौधरी और उर्वशी गुलाटी हैं।
बात कर रहे है हरियाणा की सगी बहनें- केशानी, मीनाक्षी और उर्वशी की, जिन्होंने न केवल आईएएस परीक्षा पास की बल्कि तीनों ही हरियाणा की मुख्य सचिव की कुर्सी तक भी पहुंचने में कामयाब रहीं। आइए जानते है तीन बहनों की सफलता के बारे में-
1. केशानी आनंद अरोड़ा
-केशानी ने पिछले साल 30 जून को हरियाणा की मुख्य सचिव का पद हासिल किया था और 1983 बैच की आईएएस अफसर हैं। हरियाणा की कुल 33वीं और पांचवीं महिला मुख्य सचिव केशानी 30 सितंबर 2020 तक इस पद पर रहेंगी।
-केशनी राज्य की पहली महिला डिप्टी कमिश्नर बनीं और अब राज्य की मुख्य सचिव बनीं लेकिन ये पल उनके और उनके परिवार के लिए बहुत ही ख़ास था क्योंकि ये अपने परिवार की तीसरी बहन थीं जो कि किसी राज्य की मुख्य सचिव बनी थीं।
-केशानी का जन्म 20 सितंबर 1960 को पंजाब में हुआ। बता दें कि राजनीति विज्ञान से एमए व एमफिल करने वाली केशानी अपने बैच की टॉपर रहीं। वह हरियाणा कैडर के 1983 आईएएस बैच की टॉपर भी रहीं। केशानी ने आस्ट्रेलिया स्थित सिडनी से एमबीए की डिग्री ली.यहां तक कि हरियाणा राज्य अस्तित्व में आने पर 16 अप्रैल 1990 को वह प्रदेश की पहली महिला उपायुक्त भी बनीं।
2. मीनाक्षी चौधरी
तीनों बहनों में सबसे पहले मीनाक्षी ने हरियाणा के मुख्य सचिव पद तक का सफर तय किया था, उन्हीं के बाद दोनों बहनें उर्वशी और केशानी इस पद पर काबिज हुईं। मीनाक्षी ने 8 नवंबर 2005 से लेकर 30 अप्रैल 2006 तक इस जिम्मेदारी का बखूबी निवर्हन किया. मीनाक्षी 1969 बैच की आईएएस अफसर हैं।
3. उर्वशी गुलाटी
मीनाक्षी के बाद उर्वशी गुलाटी ने हरियाणा के मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी निभाई। उर्वशी गुलाटी 1975 बैच की आईएएस अफसर है और उन्होंने अपना कार्यकाल 31 अक्टूबर 2009 से शुरू किया था, इसके बाद वह साल 2012 में 31 मार्च तक इस पद पर कायम रहीं।
“केशानी का सफलता को लेकर कहना है कि महिलाओं को हमेशा अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है। अगर महिलाओं को सही माहौल मिले तो वो कुछ भी हासिल कर सकती हैं।”
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