महज 22 साल की आयु में ही सिमी करण ने IIT से UPSC का तय किया सफर, पहले प्रयास मेंं ही IAS बनकर रचा इतिहास

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा (CSE) में हर साल लाखों छात्र शामिल होते हैं। सिविल सर्विस परीक्षा में शामिल होने वाले अधिकांश छात्रों की उम्र 26 से 28 वर्ष के बीच होती है।

इस परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 21 साल है। यूपीएससी में कई ऐसे छात्र भी देखे गए जिन्होंने सिर्फ 22 साल की उम्र में परीक्षा को क्रैक कर दिखाया। ओडिशा की रहने वाली सिमी करण (Simi Karan) भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने 22 साल की उम्र में इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। आइये जानते हैं सिमी की सक्सेस स्टोरी..
सिमी करण ने IIT बॉम्बे से पढ़ाई की है। इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाली सिमी ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की और पहले प्रयास में ही सिविल सर्विस परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बन गईं।

इंजीनियरिंग के दौरान इंटर्नशिप के समय सिमी पास के स्लम एरिया में बच्चों को पढ़ाने गईं तो उनके मन में लोगों की मदद करने का विचार आया, इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा देकर IAS बनने की ठानीं।
सिमी करण मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं, लेकिन उनका बचपन छत्तीसगढ़ के भिलाई में बीता। उनकी स्कूली शिक्षा भिलाई से ही हुई। उनके पिता भिलाई स्टील प्लांट में काम करते थे, जबकि उनकी मां एक शिक्षिका थीं।
यूपीएससी की तैयारी के लिए सिमी ने यूपीएससी के टॉपर्स का इंटरव्यू बड़े ध्यान से देखा, फिर उन्होंने इंटरनेट पर यूपीएससी के सिलेबस को अच्छी तरह से पढ़ा और उसी के अनुसार किताबें इकट्ठा करना शुरू किया। सीमित संख्या में किताबों के साथ सिमी ने अपनी तैयारी शुरू करने का फैसला किया।
साथ ही उन्होंने अपने सिलेबस को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दिया ताकि वह ठीक से पढ़ाई कर सके। अपना सिलेबस पूरा करने के बाद, उन्होंने पूरा फोकर रिवीजन पर दिया। अंत में साल 2019 में उन्होंने यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 31 के साथ अपना मुकाम हासिल किया।