home page

मिलिए IPS Akshat Kaushal से जिन्होने केवल 17 दिनों की तैयरी से पास कर ली UPSC, दोस्तों की सलाह ने बदल दी IPS की जिंदगी

 | 
मिलिए IPS Akshat Kaushal से जिन्होने केवल 17 दिनों की तैयरी से पास कर ली UPSC, दोस्तों की सलाह ने बदल दी IPS की जिंदगी

(Success Story, UPSC Exam, IPS Akshat Kaushal). संघ लोक सेवा आयोग हर साल कई प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करवाता है. सिविल सर्विस परीक्षा (Civil Service Exam) भी उनमें से एक है. यूपीएससी परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों का आईएएस, आईपीएस या आईआरएस ऑफिसर के तौर पर चयन किया जाता है.

यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए कैंडिडेट्स की सक्सेस स्टोरी जानकर अन्य कैंडिडेट्स भी उनसे प्रेरणा ले सकते हैं. आईपीएस अक्षत कौशल की सफलता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है (IPS Akshat Kaushal Success Story). यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुटे उम्मीदवारों के लिए अक्षत कौशल की सलाह काफी काम आ सकती है.

5वीं कोशिश में बन गए IPS

मिलिए IPS Akshat Kaushal से जिन्होने केवल 17 दिनों की तैयरी से पास कर ली UPSC, दोस्तों की सलाह ने बदल दी IPS की जिंदगी

IPS अक्षत कौशल ने साल 2017 में यूपीएससी परीक्षा में 55वीं रैंक हासिल की थी. यह उनका 5वां अटेंप्ट था. यूपीएससी परीक्षा के चौथे अटेंप्ट में असफल होने के बाद अक्षत ने सिविल सर्विस की राह छोड़ देने का फैसला लिया था. लेकिन परीक्षा के 17 दिन पहले वे अपने दोस्तों से मिलने गए. उनसे बातचीत के बाद वे इतने मोटिवेट हो गए कि मात्र 17 दिनों की तैयारी में परीक्षा पास कर ली.

काम आएगी अक्षत कौशल की नेक सलाह

मिलिए IPS Akshat Kaushal से जिन्होने केवल 17 दिनों की तैयरी से पास कर ली UPSC, दोस्तों की सलाह ने बदल दी IPS की जिंदगी

आईपीएस अक्षत कौशल को दोस्तों के गोल्डन वर्ड्स बेशक याद नहीं हैं लेकिन वे उम्मीदवारों को उनकी गलतियों से सबक लेने की सीख देते हैं. जानिए अक्षत कौशल की सलाह-

1- परीक्षा देने से पहले उसका नेचर यानी पैटर्न अच्छी तरह से समझें.

2- किसी भी विषय को लेकर ओवर कॉन्फिडेंट न हों.

3- तैयारी के दौरान अपने दोस्तों व सीनियर्स की नेक सलाह जरूर मानें.

4- अपनी स्ट्रेंथ को अपनी कमजोरी न बनने दें. कई बार हम चीजों को लेकर इतने श्योर हो जाते हैं कि उस पर ध्यान देना ही बंद कर देते हैं, जोकि गलत है.

5- 100 प्रतिशत देने के बाद भी चीजें अपने पक्ष में नहीं हों तो उन्हें कुछ समय के लिए किस्मत पर छोड़ देना चाहिए. फिर दोगुनी मेहनत के साथ तैयारी में जुट जाना चाहिए.