IAS Pari Bishnoi ने बताया कि UPSC परीक्षा क्लियर करने के लिए आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस जरूरी,
UPSC IAS सफलता की कहानी: UPSC परीक्षा को पास करने के लिए अच्छे अंकों के साथ-साथ धैर्य भी रखना चाहिए। यह परीक्षा न केवल आपके बुद्धि स्तर की परीक्षा लेती है बल्कि आपके धैर्य की भी परीक्षा लेती है।

इसलिए जिन छात्रों में ये दोनों गुण होते हैं उन्हें ही इस परीक्षा में सफलता मिलती है। अजमेर की रहने वाली परी बिश्नोई में भी कुछ ऐसा ही था, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में फेल होने के बावजूद हार नहीं मानी और आखिरकार आईएएस बनने के अपने सपने को साकार कर लिया।
माता-पिता से प्रेरणा

परी का कहना है कि आईएएस बनने के पीछे उनके माता-पिता का सबसे बड़ा हाथ था। उनके पिता पेशे से वकील हैं, जबकि उनकी मां इंस्पेक्टर हैं। बचपन से ही उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और हमेशा उनका साथ दिया। जब परी अपने पहले दो प्रयासों में विफल रही, तो उसकी माँ ने उसे प्रोत्साहित किया और उसे कभी हार न मानने की भावना दी। नतीजतन, परी ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और 30वीं रैंक हासिल की।
ग्रेजुएशन के बाद शुरू करने की तैयारी
परी ने 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद आईएएस बनने का सपना देखा था। जिसके लिए उन्होंने ग्रेजुएशन के तुरंत बाद अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने आगे की पढ़ाई भी जारी रखी और मास्टर डिग्री हासिल की। परी का कहना है कि वह करंट अफेयर्स के साथ-साथ अपने नोट्स भी बनाती थीं। उनके मुताबिक आईएएस बनने के लिए रोजाना थोड़ा-थोड़ा पढ़ना जरूरी है, जिससे रिवीजन के लिए पर्याप्त समय मिलता है। इसके अलावा परी के अनुसार हर छात्र को अपने उत्तर लेखन का अभ्यास करते रहना चाहिए।