Success Story of Anu Kumari: पढ़ाई के 10 साल बाद देखा देश सेवा का सपना, टॉप रैंक से पास की UPSC की परीक्षा

IAS अनु कुमारी की जीवनी हिंदी में: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, जिसमें हर साल हजारों उम्मीदवार उपस्थित होते हैं। लगभग सभी युवा यूपीएस परीक्षा पास करने और प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का सपना देखते हैं। कई आवेदक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
सालों की पढ़ाई के बाद जब वे परीक्षा के पहले चरण में पास होते हैं तो एक तरफ खुशी होती है तो दूसरी तरफ ग्रिड साफ करने और इंटरव्यू का दबाव होता है। ऐसे में जब कोई महिला न केवल गंभीर संघर्ष, आर्थिक संघर्ष और पारिवारिक जिम्मेदारियों की पूर्ति के माध्यम से यूपीएससी की परीक्षा पास करती है, बल्कि पहली सूची में भी जगह बनाती है, तो इससे बड़ी कोई बात नहीं है। यह महिला न केवल लड़कियों के लिए बल्कि सभी सपने देखने वालों के लिए एक आदर्श और प्रेरणा है। यह कहानी है हरियाणा के सोनपत की रहने वाली अनु कुमारी की। आइएएस अनु कुमारी के संघर्ष से सफलता तक के सफर के बारे में बताएं।
अनु कुमारी बायोग्राफी
हरियाणा राज्य की रहने वाली अनु कुमारी ने साल 2017 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा यानी यूपीएससी पास की थी। अनु कुमारी को यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय में दूसरा स्थान मिला था। अनु कुमारी को केरल कैडर में भेजा गया था।
अनु कुमारी की पढ़ाई
IAS अनु कुमारी का जन्म 18 नवंबर 1986 को हरियाणा के सोनीपत में एक हिंदू जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बलजीत सिंह और माता का नाम संत्रो देवी है। अनु कुमारी की एक छोटी बहन और दो भाई हैं। अनु कुमारी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिव शिक्षा सदन, सोनपत से पूरी की। उसके बाद वह अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए दिल्ली आ गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से सम्मान के साथ भौतिकी में बीएससी किया है। बाद में उन्होंने आईएमटी नागपुर से एमबीए किया।
अनु कुमारी का शुरुआती करियर
अनु मुंबई में आईसीआईसीआई से जुड़ीं। 9 साल काम किया। 2012 में अनु ने वरुण दहिया से शादी की, जो एक बिजनेसमैन हैं। शादी के बाद अनु कुमारी गुरुग्राम में रहने लगी।
यूपीएससी सेटअप
उन्होंने 2016 में कार्यालय छोड़ दिया। अपनी पढ़ाई पूरी करने के 10 साल बाद, उन्होंने प्रशासनिक सेवा में प्रवेश करने की योजना बनाई और परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। कॉलेज के दिनों में अनु के दोस्तों ने उन्हें सिविल सर्विस की परीक्षा में बैठने की सलाह दी थी। लेकिन उन दिनों अनु परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए उन्होंने नौकरी लेने का फैसला किया। लेकिन बाद में उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। 2016 में अनु ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी। फिर बड़े भाई ने बिना बताए अपना फॉर्म भर दिया।
तैयार होने के लिए लड़के से दूर हो जाओ।
उन दिनों अनु कुमारी का बेटा केवल चार साल का था। बच्चे के साथ व्यवहार करते समय, परीक्षा की तैयारी करना बहुत कठिन था। वह तैयार होने के लिए करीब दो साल तक अपने बेटे से दूर रही। अनु ने बच्चे को उसकी माँ के पास भेज दिया और लगन से पढ़ाई करने लगी। 2017 में अपने दूसरे प्रयास में अनु कुमारी ने सिविल सेवा परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया।