देश सेवा का ऐसा जुनून की छोड़ दी विदेश की नौकरी, Hari Chandana Dasar ने दुसरी बार में पूरा किया अपना सपना और बन गई IAS

UPSC IAS सफलता की कहानी: UPSC परीक्षा को पास करने के लिए हर छात्र अपने जीवन के कई साल कुर्बान कर देता है। वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने तय करियर को जोखिम में डालकर यूपीएससी परीक्षा के लिए जाते हैं। IAS हरि चंदना दसारी (IAS Hari Chandana Dasari) ने कुछ ऐसा ही किया, जिन्होंने अपने सपने के लिए एक विदेशी नौकरी भी छोड़ दी। हरि चंदना दसारी की कहानी आपको यूपीएससी के साथ-साथ जीवन में भी सफल होने के लिए प्रेरित करेगी।
लंदन से पढ़ाई की

हरि चंदना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से पूरी की। 12वीं के बाद हरि ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन किया और वर्ल्ड बैंक में काम करने लगे। हरि का करियर सेट था और उनके पास लाखों की नौकरी थी। लेकिन उनका सपना अपने पिता की तरह अफसर बनने का था। इसके साथ ही हरि गंदगी और प्लास्टिक को लेकर जमीन पर बदलाव लाना चाहते थे। आगे क्या हुआ, हरि भारत वापस आ गया और यूपीएससी की तैयारी करने लगा। वह अपने पहले प्रयास में असफल रही लेकिन दूसरे प्रयास में आईएएस बन गई।
अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में किया गया कार्य

हरि ने लंदन में अपनी पढ़ाई को व्यर्थ नहीं जाने दिया और पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिए। आपको बता दें कि परी ने प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल करने और उनके अंदर पेड़ लगाने का अभियान शुरू किया था।
इससे आज कई ग्रामीण महिलाओं के पास रोजगार के अवसर हैं और पर्यावरण की रक्षा करने की नीति भी है। हर साल लाखों उम्मीदवार राष्ट्रीय सेवा की भावना के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं। इसके लिए वह अपनी नौकरी तक कुर्बान कर देते हैं। आईएएस हरि चंदना दसारी ने भी कुछ ऐसा ही किया और आखिरकार अपनी मंजिल पर पहुंच गए।