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भंवरपाल सिंह ने वकालत छोड़कर शुरू की थी आलू की खेती, लाखों की कमाई के साथ कई अवॉर्ड से हो चुके हैं सम्मानित

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भंवरपाल सिंह ने वकालत छोड़कर शुरू की थी आलू की खेती, लाखों की कमाई के साथ कई अवॉर्ड से हो चुके हैं सम्मानित

Farmer's Success Story: आज हर कोई इस बात से परिचित है कि जीवन में कामयाब होने के लिए कड़ी मेहनत करनी ही पड़ती है। अगर व्यक्ति पूरी लगन और मेहनत से किसी काम को करता है, तो एक दिन वह सफल जरूर होता है।

कुछ ऐसा ही हुआ है कानपुर के रहने वाले किसान भंवरपाल सिंह के साथ। भंवरपाल सिंह ने कभी वकालत छोड़कर आलू की खेती शुरू की थी और आज वें देश के कईं राज्यों में बड़े स्तर पर आलू निर्यात करते हैं और इससे बढ़िया मुनाफा भी कमा रहे हैं।

कानपुर जिले के सरसौल ब्लाक के महुवा गांव में रहने वाले भंवरपाल सिंह ने वर्ष 2000 मे माता पिता के गुजर जाने के बाद से आलू की खेती शुरू की थी। इससे पहले वें इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकील थे। लेकिन उन्होंने साल 2000 में वकालत छोड़कर आलू की खेती शुरू कर दी थी।

कई अवॉर्ड से हो चुके हैं सम्मानित

भंवरपाल सिंह अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि आलू की डिमांड काफ़ी ज़्यादा होने के कारण वो अपनी खुद की 22 एकड़ जमीन के साथ-साथ 100 एकड़ जमीन ठेके पर लेकर आलू उगाते हैं। एक एकड़ में पैदावार की बात करें तो 400 से 500 टन आलू की उपज होती है।

उनका मानना है कि वें केवल आलू की ही फसल से लाखों में मुनाफा कमा पा रहे हैं। वह अपने फार्म पर कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी ज्योति, कुफरी बहार, कुफरी पुखराजी, कुफरी चिप्सोना1, कुफरी फ्राई सोना, कुफरी आनंदो, कुफरी अरुण, कुफरी पुष्करो, कुफरी हलानी, कुफरी मोहन, कुफरी सुखाती, कुफरी गंगा, कुफरी नीलकंठो, कुफरी संगम सहित विभिन्न वैरायटी के आलू उगा रहे हैं।

भंवरपाल सिंह कई अवॉर्ड से भी सम्मानित किए जा चुके हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने भंवरपाल सिंह को वर्ष 2013 में गुजरात वैश्विक कृषि समिट में सम्मानित किया था। वहीं, वर्ष 2020 में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उन्हें सर्वश्रेष्ठ आलू उत्पादन के लिये भी सम्मानित कर चुके हैं।