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आजीविका के साथ साथ ओरो को भी दिया रोजगार ,जाने इनकी सफलता की कहानी

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आजीविका के साथ साथ ओरो को भी दिया रोजगार ,जाने इनकी सफलता की कहानी

देश और प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी के बीच कई लोग स्वरोजगार अपना रहे हैं। इससे प्रेरित होकर परकोटी गांव के प्रेम बल्लभ सती का नाम भी शुमार है। उन्होंने गाय के दूध में स्वरोजगार खोजा और मात्र दो साल के भीतर सात महिलाओं को भी रोजगार दिलाया है।

उनके पास अच्छी नस्ल की 12 गाय और चार बछिया हैं। कारोबार बढ़ाने के लिए उन्हें सरकारी मदद की दरकार है।

बागेश्वर और चमोली जिले की सीमा के पास बसे परकोटी गांव के प्रेम बल्लभ का जीवन काफी संघर्षों में बीता है। हाईस्कूल तक पढ़ने के बाद वह रोजगार के लिए महानगरों में गए थे। करीब 20 साल तक विभिन्न शहरों में संघर्ष करने के बाद भी सफलता न मिलने पर वह कोरोना काल में गांव लौट आए। गांव आकर उन्होंने अपनी दुकान खोली, लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली। आखिरकार उन्होंने दुग्ध उत्पादन के लिए दो गाय और एक भैंस खरीदकर स्वरोजगार की शुरुआत की। उनकी पत्नी नीमा सती ने भी उनका साथ दिया। वह रोजाना 80 लीटर दूध बेचते हैं। उन्होंने सात महिलाओं को भी रोजगार दिलाया। इनमें हेमा सती, तुलसी देवी, मुन्नी देवी, कमला देवी, रेवती दैवी, सुमन देवी, नीमा देवी शामिल हैं। इनको वह 7500 रुपये मासिक मानदेय दे रहे हैं। उन्होंने गांव की दो गरीब महिलाओं को भी एक-एक गाय दी है।
एसएसबी ने की मदद, चल पड़ा रोजगार
बागेश्वर। प्रेम बताते हैं कि शुरुआत में उन्हें दूध बेचने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। एक बार एसएसबी ग्वालदम के एक अधिकारी ने उनसे आधा लीटर दूध खरीदा। वह रोजाना बाइक पर सवार होकर उनके घर जाकर दूध उपलब्ध कराते थे। धीरे-धीरे क्षेत्र के अन्य लोग भी उनसे दूध खरीदने लगे। उन्होंने पांच महीने डेयरी में भी दूध दिया लेकिन वहां से नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद उन्होंने डेयरी से हटाकर सीधे लोगों के घरों में दूध पहुंचाया। अब भी उनके पास दूध की काफी मांग है। कारोबार जमाने में उन्होंने 10 लाख से अधिक खर्च कर दिया है। कमाई का अधिकांश हिस्सा महंगे चारे और दवाइयों में खर्च हो जाता है। कारोबार बढ़ाने के लिए वह अधिकतम लोगों को रोजगार देना चाहते हैं, लेकिन धन की कमी आड़े आ रही है।
पशुपालन विभाग से किसी प्रकार के अनुदान या आर्थिक सहायता का प्रावधान नहीं है। हालांकि निशुल्क चारा बीज, दवाइयां, डॉक्टरी सलाह पशुपालकों को दी जाती हैं। परकोटी में गो पालन से महिलाओं को रोजगार कराने वाले पशुपालक के कारोबार का जायजा लेने के लिए मैं स्वयं गांव जाऊंगा। उन्हें पशु धन बीमा सहित विभाग की सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा और विभागीय स्तर से हरसंभव मदद की जाएगी। - डॉ. रवींद्र चंद्र, सीवीओ, बागेश्वर।