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Success story: जमीन गिरवी रखकर बेटी कृति राज को भेजा ऑकलैंड, हाथ में लेकर लौटी 6 गोल्ड

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Govt Vacancy, न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में 28 और 29 नवंबर को आयोजित जूनियर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में बिहार की राजधानी पटना की बेटी कृति राज सिंह ने देश का नाम रोशन कर दिया है. न्यूजीलैंड में हुए सब जूनियर पावरलिफ्टिंग कामनवेल्थ चैंपियनशिप में कृति ने छह स्वर्ण पदक जीते हैं. उनकी जीत ने देश का मान सम्मान बढ़ाया है. इस प्रतियोगिता में जीत दर्ज कर कृति राज पटना पहुंचीं. आज जब कृति राज सिंह मेडल जीतकर अपने घर लौटी हैं, तो उनके पिता की आंखें खुशी से छलक उठीं. वे कहते हैं कि बेटी को इस चैंपियनशिप में भेजने के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक गिरवी रख दी थी.

पांच बहनों में कृति सबसे छोटी हैं. तीन भाई पढ़ाई कर रहे हैं. कृति ने खुसरूपुर के इन्फेंट जीसस एकेडमी से दसवीं की पढ़ाई पूरी की. फिर बीडी पब्लिक कॉलेज से इंटर की पढ़ाई की. फिलहाल वह गुवाहटी के लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन से बीपीएड कर रही हैं.
 

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संघर्ष के बाद हर्ष
पटना एयरपोर्ट पर कृति के परिजन सहित लोगों की भारी भीड़ जुटी हुई थी. लोगों ने कृति का भव्य स्वागत किया. कृति राज एक किसान की बेटी हैं. पिता ललन सिंह और माता सुनैना देवी ने कृति का मुंह मीठा कराया. इस दौरान कृति ने बताया कि मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि मैं 6 स्वर्ण पदक लाऊंगी. एक का तो मुझे विश्वास था. खेल के प्रति बचपन से ही मेरा लगाव रहा है. जिम जाती रही हूं, जहां वेट लिफ्टिंग के लिए कर्ण कुमार ने प्रोत्साहित किया. फिर उनकी देखरेख में आज इस मुकाम तक पहुंची हूं.

परिजनों का संघर्ष
कृति राज सिंह की सफलता के पीछे उनके पिता और कोच का बड़ा योगदान है. यही कारण है कि वे इसका श्रेय अपने पूरे परिवार और अपने कोच करण को देती हैं. पिता ललन सिंह ने बेटी को ऑकलैंड भेजने के लिए अपनी खेत तक गिरवी रख दी. वहीं, कृति की मां ने बताया कि वह खुद पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन अपने सभी बेटे-बेटियों को पढ़ाने और उनका लक्ष्य पूरा करने के लिए उन्होंने हमेशा संघर्ष किया है. माता पिता के संघर्ष को कृति ने जाया नहीं जाने दिया.