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Success story: कबाड़ की साइकिल से बना डाली अनोखी साइकिल, फिर ऐसी चली कि...

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Govt Vacancy,  मन ठान ले तो असंभव कार्य भी संभव हो जाता है। ऐसा ही कुछ किया है भरतपुर जिले के बयाना कस्बे के निवासी रवि सोनी उर्फ ​​आरवीएस टाइगर ने. जिसने अपनी मां को मिले पॉकेट मनी को जमा कर कबाड़खाने से एक पुरानी साइकिल खरीदी और एक अनोखी साइकिल बनाई। जबकि इस युवक के पास कोई तकनीकी डिप्लोमा या डिग्री नहीं थी। रवि ने इस अनोखी साइकिल को जिज्ञासा और सीखने की इच्छा से बनाया है।

रवि सोनी ने खुद की बनाई इस साइकिल से साइकिल रेस प्रतियोगिता भी जीती है। रवि सोनी ने यह कारनामा महज 15 साल की उम्र में किया था। वर्तमान में, वह अपने परिवार के वित्त का समर्थन करने के लिए साइकिल की दुकान चलाते हैं।

पॉकेट मनी जमा कर ऐसी साइकिल बनाई

बयाना कस्बे की सुनार गली निवासी रवि सोनी उर्फ ​​आरवीएस टाइगर ने कहा कि परिवार पहले से ही गरीबी से जूझ रहा था और पिता की आकस्मिक मृत्यु के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन मां ने हमारी हर मुराद पूरी की. टूटने नहीं देता था और मेहनत मजदूरी कर घर चला रहा था। जब वे 15 साल के थे तो दूसरे बच्चों की साइकिल देखकर उन्होंने अपनी मां से नई साइकिल लेने की जिद की, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनकी मां उन्हें नई साइकिल दिलाने में असमर्थ थीं। पॉकेट मनी के लिए मुझे जो 200 रुपये मिले थे, उसे जमा करके मैंने कबाड़खाने से एक पुरानी साइकिल और कुछ सामान खरीदा, घर पर ही उसकी मरम्मत की और एक अनोखी साइकिल बनाई, जिसे देखने वाले हैरान रह गए। बाजार में साइकिल की कीमत 20 से 25 हजार है, मैंने इसे सिर्फ 500 से 1000 रुपए में बनवाया था।

 

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अब परिवार के गुजारे के लिए साइकिल की दुकान खोली

रवि सोनी ने कहा कि कस्बे में उनके द्वारा बनाई गई साइकिल के बारे में जब लोगों को पता चला तो दिन भर लोग घर पर आ जाते थे। धीरे-धीरे वे भरतपुर साइकिल क्लब से जुड़ गए और कई साइकिल रेस प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार भी जीते। रवि सोनी की उम्र आज 22 साल की हो गई है। उनके परिवार में एक छोटी बहन और मां हैं। परिवार का खर्च चलाने के लिए उन्होंने कस्बे में ही साइकिल की दुकान खोल ली है। कस्बे में अगर कोई नई साइकिल खरीदना चाहता है या उसे मॉडिफाई कराना चाहता है तो वह रवि के पास आता है।

वहीं, रवि सोनी का कहना है कि साइकिल परिवहन का आम, सस्ता और भरोसेमंद, पर्यावरण के अनुकूल साधन है। साइकिल चलाने से शारीरिक व्यायाम भी होता है और स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।