Success Story : बगैर कोचिंग, पहला प्रयास, भावना ने पास की 02 उच्च प्रतियोगी परीक्षाएं

Govt Vacancy, सफलता की कहानी - कहा जाता है कि जब आपमें कुछ करने का जज्बा हो और अपनी मेहनत पर दृढ़ विश्वास हो तो रास्ते की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। भावना मेहता ने इसे सच साबित कर दिखाया है। जो वर्तमान में अल्मोड़ा का रहने वाला एवं मूल निवासी ग्राम सिमटोली मयोन, जिला-बागेश्वर का है। 03 साल की उम्र में अपने पिता का साया खो देने वाली भावना मेहता ने बिना किसी कोचिंग के घर पर तैयारी की और साथ ही अपने पहले ही प्रयास में दो अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफल होकर खुद को साबित किया और दूसरों को भी हैरान कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने पहाड़ की लड़कियों को इस सफलता के साथ आगे बढ़ने के लिए काफी प्रेरणा दी है।
पहले प्रयास में सफलता
सफलता की चाहत से भावना ने पहले ही प्रयास में पंतनगर विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा अच्छे रैंक से पास की और उसके बाद पंतनगर विश्वविद्यालय में बीएससी कृषि में प्रवेश लिया। पंतनगर विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के लगभग दो महीने बाद ही मिलिट्री नर्सिंग कमीशन सर्विस (एमएनएस) की परीक्षा के परिणाम भी आ गए, जो उसने पहले दिए थे। उसमें वह सफल भी हुए। उनका चयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग, कमांड हॉस्पिटल, लखनऊ में हुआ है। एमएनएस में चयन के बाद भावना ने ट्रेनिंग के लिए अपने कॉलेज ज्वाइन कर लिया है। अब वह 04 साल का नर्सिंग प्रशिक्षण पूरा कर सेना में लेफ्टिनेंट का पद प्राप्त करेंगी। भावना ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी बड़ी बहन, मां और स्कूल के शिक्षकों को दिया है।
होनहार भावना मेहता कौन है?
भावना मूल रूप से कुमाऊं के बागेश्वर जिले के गांव सिमटोली मयोन की रहने वाली हैं। दुख की बात है कि भावना ने महज 03 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया। उनके पिता स्व. गोपाल सिंह मेहता भी सेना की सेवा में थे और माता चंपा मेहता वर्तमान में 22 राजपूत राइफल्स के साथ सेना अस्पताल, सेंट्रल एमआई रूम में कार्यरत हैं। उनकी बड़ी बहन डिंपल मेहता देहरादून से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही हैं।
प्रेरणा बनी भावना मेहता ने आर्मी पब्लिक स्कूल अल्मोड़ा से पढ़ाई की। उन्होंने 2018 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा 82 प्रतिशत अंकों के साथ और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 2020 में 90 प्रतिशत अंकों के साथ पास की। इसके बाद वह घर पर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगी और दिन-रात लगन से लक्ष्य निर्धारित कर काम किया और आज खुद को साबित कर दिखाया है।
सैनिक परिवार की पृष्ठभूमि/सैन्य परिवार की पृष्ठभूमि
भावना एक फौजी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता सेना में थे। दादा हयात सिंह मेहता भी पूर्व सैनिक हैं। अब भावना मिलिट्री नर्सिंग कमीशन सर्विस में सफल हो गई हैं और परिवार की मिलिट्री बैकग्राउंड को बचाए रखने का काम किया है।
गांव-गांव में खुशी का माहौल
भावना की सफलता से उसके परिवार के साथ-साथ उसके गांव व ननिहाल में भी खुशी की लहर है. बसौली अल्मोड़ा निवासी उनके नाना ठाकुर सिंह भकुनी ने कहा कि भावना की इस उपलब्धि से निहाल वासियों में खुशी का माहौल है. उनके गांव में भी उनकी सफलता के चर्चे हैं। यहां के सरकारी टीबी क्लीनिक में कार्यरत भावना के चाचा आनंद सिंह मेहता ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भावना की सफलता से क्षेत्र की लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी. उनके अलावा सांसद अजय टम्टा, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, क्षेत्रीय विधायक मनोज तिवारी, निवर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, उत्तराखंड केमिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीएस मनकोटी, हयात सिंह मेहता, निवेदिता मेहता, हरीश मेहता, भूपाल मेहता, दरबान मेहता खुशी जाहिर की और शुभकामनाएं दी।