Success Story: पेशे से MR था यह शख्स, बस से जाकर दवाएं बेचीं; आज है 60000 करोड़ की कंपनी का मालिक

Govt Vacancy, रमेश जुनेजा : मेहनत ही वह चाबी है, जो किस्मत के दरवाजे खोलती है।' सच्ची लगन, धैर्य और कड़ी मेहनत के बल पर जीवन में सफलता प्राप्त करना संभव है। ऐसा ही एक उदाहरण मैनकाइंड फार्मा के मालिक रमेश जुनेजा हैं। मेरठ निवासी मैनकाइंड फार्मा के मालिक रमेश जुनेजा का शुरुआती जीवन आसान नहीं था. लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर हजारों करोड़ रुपए की कंपनी का बिजनेस शुरू किया। आज इस कंपनी की दवाएं देश-विदेश में बिक रही हैं।
1974 में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की नौकरी शुरू हुई
ग्रेजुएशन के बाद रमेश जुनेजा ने 1974 में बतौर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) काम करना शुरू किया। अपने करियर की शुरुआत में जुनेजा डॉक्टरों से मिलने यूपी रोडवेज की बस से मेरठ से पुरकाजी जाया करते थे. कई बार उन्हें डॉक्टरों को दिखाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था। उन्होंने कड़ी मेहनत की और धीरे-धीरे इस पेशे में आगे बढ़े। नी फार्मा कंपनी में 1975 (लगभग एक साल) तक काम करने के बाद रमेश 1975 में आठ साल के लिए ल्यूपिन फार्मा से जुड़े।
मैनकाइंड की शुरुआत 50 लाख रुपये से हुई थी
यहां आठ साल तक काम करने के बाद उन्होंने पार्टनर के साथ बेस्टोकेम नाम की कंपनी शुरू की। 1994 में बेस्टोकेम से नाता तोड़ने के बाद उन्होंने 1995 में अपने छोटे भाई राजीव जुनेजा के साथ 50 लाख रुपए के निवेश से मैनकाइंड फार्मा की शुरुआत की। इसी साल मैनकाइंड फार्मा चार करोड़ रुपए की कंपनी बन गई।
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सस्ती दवाओं का विचार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक मेडिकल स्टोर पर खड़े होने के दौरान उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति दवा लेने आया और उसके पास पैसे नहीं थे. वह दवाई लेने के बदले चांदी के गहने देने लगा। इसके बाद रमेश जुनेजा ने दवा की गुणवत्ता के साथ ही कीमत कम रखने के बारे में सोचा. इसी सोच के साथ उन्होंने मैनकाइंड फार्मा की शुरुआत की। कंपनी शुरू करने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने बिजनेस प्लान में नई-नई चीजें जोड़ते रहे।
फोर्ब्स की सबसे अमीर भारतीयों की सूची में शामिल
रमेश जुनेजा को हाल ही में फोर्ब्स की सबसे अमीर भारतीय सूची में शामिल किया गया है। उनकी कंपनी ने तेजी से दुनिया को कंडोम और गर्भनिरोधक उत्पाद मुहैया कराए। 2007 में टीवी पर मैनकाइंड कंडोम के विज्ञापन आने लगे। उसके बाद मेनफोर्स ब्रांड लोकप्रिय हो गया। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण बाजार पर ध्यान केंद्रित कर बाजार में सस्ती दवाओं की आपूर्ति की। इसके साथ ही उनकी कंपनी ने सेल्स प्रमोशन पर खर्च कर तेजी से ग्रोथ दर्ज की। आज उनकी कंपनी चुनिंदा दवा कंपनियों में से एक है।