Success Story: सफाई कर्मचारी की बेटी बनेगी डॉक्टर, सुनिए सफलता की कहानी

Govt Vacancy, Success Story: कहते हैं कि उड़ान पंखों से नहीं हौसलों से होती है. चंडीगढ़ के सेक्टर 25 की एक संकरी गली में एक छोटे से कमरे में रहने वाले सफाई कर्मचारी की बेटी प्रिया ने इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है. बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली प्रिया ने अपनी मेहनत और लगन से मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कर अपने सपनों को साकार करने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है.
सरकारी पॉलीक्लिनिक में सफाई कर्मचारी की बेटी प्रिया (19) ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में नौवीं रैंक हासिल कर सेक्टर-32 स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश लिया.
छठी से 12वीं कक्षा तक जवाहर नवोदय विद्यालय, सेक्टर 25 में पढ़ने वाली प्रिया ने कहा कि वह छठी कक्षा से ही डॉक्टर बनने का सपना देखने लगी थी। प्रिया के पिता हनुमान प्रसाद कहते हैं कि वह अक्सर मेरे साथ पॉलीक्लिनिक जाती थीं और हमेशा डॉक्टरों से पूछती थीं कि वे कौन हैं। उसी समय से वह डॉक्टर बनने का सपना देखने लगा।
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12वीं के बाद वह नीट की कोचिंग लेना चाहती थी, लेकिन चंडीगढ़ में स्थित कोचिंग संस्थानों की फीस बहुत अधिक थी। अंत में, उन्हें पुणे में दक्षिणा फाउंडेशन में भर्ती कराया गया। प्रिया ने बताया कि वहां उनकी क्लास सुबह 7 बजे शुरू होती थी और शाम 5 बजे खत्म होती थी. इस दौरान खाली समय में वह अपने डाउट क्लियर करती थीं।
प्रिया ने बताया कि दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के अन्य लोगों का रवैया बहुत सपोर्टिव था, सभी ने उनका हौसला बढ़ाया। खासकर स्कूल की मेरी पीटी इंस्ट्रक्टर मुक्ता मैडम। मार्शल आर्ट की स्वर्ण पदक विजेता और राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रिया जीएमसीएच से अपना बैज दिखाती हैं और मां सरोज कुमारी द्वारा बनाए गए नूडल्स खाने की तैयारी करती हैं।