Success Story : पुलिवाले ने पिता को मारा थप्पड़ तो बेटे ने जज बनकर दिया करारा जवाब.. हकीकत है कहानी

Govt Vacancy, Success Story : बिहार के कमलेश जज बनकर पूरी तरह फिल्मी अंदाज में तब्दील हो गए हैं. लेकिन यह कहानी वास्तविक नहीं है। बिहार के सहरसा जिले के रहने वाले कमलेश ने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में 64वीं रैंक हासिल की है.
कमलेश बेहद गरीब परिवार से है। कमलेश के पिता एक कुली, एक मजदूर के रूप में काम करते थे और उसे पढ़ाने के लिए एक पेडलर के रूप में भी काम करते थे। इसी बीच एक ऐसी घटना घटती है, जिसने कमलेश के जीवन का मकसद ही बदल दिया। एक दिन एक पुलिसकर्मी ने कमलेश के पिता को थप्पड़ मार दिया। पिता के साथ यह अपमानजनक व्यवहार कमलेश के सीने में चुभ गया। यह इतना चुभ गया कि उन्होंने इसका जवाब देने का फैसला किया, वह भी बिल्कुल अलग तरीके से। उन्होंने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और अंत में जज बनकर उत्तर दिया।
फिल्म कमलेश के जीवन की कहानी है
कमलेश के जीवन की कहानी बिहार के सहरसा से शुरू होती है। कमलेश के पिता परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए एक दिन दिल्ली आते हैं। हर साल हजारों बिहारी रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में आते हैं। लाल किले के पीछे झुग्गी में कमलेश के पिता ने आशियाना बनवाया था। लेकिन दुर्भाग्य इतनी आसानी से पीछा छोड़ देता है। दिल्ली नगर निगम ने एक दिन इस बस्ती को उजाड़ दिया। इसके बाद कमलेश के पिता परिवार सहित ट्रांस यमुना में किराए का कमरा लेकर रहने लगे। इस समय तक कमलेश 10वीं पास कर चुका था।
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जब पुलिसकर्मी ने कमलेश के पिता को जड़ा थप्पड़
ट्रांस यमुना इलाके में शिफ्ट होने के बाद कमलेश के पिता ने चांदनी चौक में खाना बेचना शुरू किया। मजदूरों और सड़क पर काम करने वालों का अपमान और अपमान करना एक दैनिक घटना है। एक दिन एक पुलिसकर्मी ने कमलेश के पिता के साथ भी ऐसा ही किया। उसने कमलेश के पिता को थप्पड़ मारा और ठेला भी उतार दिया। यह घटना कमलेश के जीवन का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। कमलेश के पिता ने कहा कि पुलिस सिर्फ जज से डरती है. यही कमलेश के जीवन का आदर्श वाक्य बन गया।
दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी
इंटरमीडिएट पास करने के बाद कमलेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की। लेकिन लक्ष्य वकील नहीं, जज बनना था। उन्होंने 2017 में बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। वह पहली बार असफल हुआ। फिर कोरोना महामारी ने भी नुकसान पहुंचाया