Success Story : राजमिस्त्री के दिव्यांग बेटे ने सहरसा का बढ़ाया गौरव, पढ़ें पूरी कहानी

Govt Vacancy, सहरसा: कहते हैं कि जब किसी काम को करने का जज्बा हो तो सफलता जरूर मिलती है। हम बात कर रहे हैं सहरसा जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर सिमरी बख्तियारपुर के खजूरी वार्ड-9 निवासी प्रताप पासवान की. प्रताप शारीरिक रूप से अक्षम हैं, लेकिन क्रिकेट के मैदान में उनकी फुर्ती देखने लायक है.
लगातार संघर्ष के बाद उन्होंने राष्ट्रीय विकलांग क्रिकेट टीम में एक ऑलराउंडर के रूप में जगह बनाई है। वे अब इसी महीने बांग्लादेश में खेलने जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चुने जाने के बाद प्रताप के घर ही नहीं बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है. सभी प्रताप के घर मिठाई खिलाने पहुंच रहे हैं।
क्रिकेटर प्रताप के पिता किशन पासवान राजमिस्त्री का काम करते हैं। उन्होंने मजदूरी कर अपने सभी बच्चों को पढ़ाया है। प्रताप कहते हैं कि उन्हें शुरू से ही क्रिकेट खेलने का शौक था, लेकिन कई बार उन्हें लगा कि कहीं उनकी विकलांगता बाधा न बन जाए.
हालाँकि, उन्होंने खेलना जारी रखा। इसी का नतीजा है कि आज उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया है। जबकि किशन पासवान का कहना है कि उनके बेटे की मेहनत आज रंग लाई है.
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बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने जाएगा
प्रताप का कहना है कि वह 18 नवंबर से बांग्लादेश में तीन टी20 मैच खेलने जा रहे हैं। इससे पहले प्रताप ने वर्ष 2020 से राज्य स्तर पर खेलना शुरू किया था। वह साल 2021 में ईस्ट जोन सीरीज खेलने के लिए कोलकाता गए थे।
तब से उन्होंने कोलकाता, वर्धमान और बनारस में क्रिकेट मैच खेले। अब इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका मिला है। प्रताप इस टूर्नामेंट में अपना हरफनमौला प्रदर्शन दिखाना चाहते हैं, जिसके लिए वह काफी समय से तैयारी कर रहे हैं.
प्रताप के कोच अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेल चुके हैं
क्रिकेटर प्रताप के कोच कुमार देव बताते हैं कि एक समय वे भी दिव्यांग इंटरनेशनल क्रिकेट टीम में थे। वह पाकिस्तान के लिए भी खेल चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट के मैदान में जो नहीं कर पाए, अब उनका चेला करेगा। उन्होंने कहा कि प्रताप हर दिन 5 से 6 घंटे क्रिकेट में बिताते थे। प्रताप को सम्मानित करने पहुंचे समाजसेवी समीर पाठक ने कहा कि यह हमारे जिले के लिए गौरव का क्षण है.