Success Story: दहेज ने ससुराल छुड़ाया, तानों ने मायका. मेहनत ने बना दिया IRS ऑफ़िसर

UPSC Success Story of IRS Komal Ganatra: जिंदगी में आप पत्थर की तरह मजबूत भी हो जाएं तो भी दुनिया आपको तोड़ने से नहीं चूकेगी. फैसला एक ही तुम्हारा है कि तुम टूट कर भगवान बन जाओगे वरना सड़क के किनारे बिखरे नजर आओगे। गुजरात की कोमल गणात्रा इसका सटीक उदाहरण हैं।
कोमल यूपीएससी 2013 बैच की आईआरएस अधिकारी हैं। लेकिन उनकी जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया, जब उनके ससुराल वालों ने दहेज के लालच में उन्हें घर से निकाल दिया। हालात यह हो गए थे कि वह मायके में भी आशियाना नहीं बना सकती थी। इसके बावजूद उन्होंने जीवन में सफलता को चुना, हार को नहीं।
शादी के लिए छोड़ दिया अफसर बनने का सपना
कोमल का जन्म 1982 में अमरेली, गुजरात में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई गुजराती मीडियम से की। लेकिन वह शुरू से ही पढ़ने में अच्छी थी। आंखों में कुछ बड़ा करने का सपना था। ऐसे में उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए तीन अलग-अलग भाषाओं और अलग-अलग यूनिवर्सिटी को चुना।
ग्रेजुएशन के बाद कोमल ने स्टेट सर्विसेज में प्रयास करना शुरू किया। उसका सपना पूरा होने वाला था, लेकिन उसके परिवार ने उससे शादी करने का फैसला किया। जब वह महज 26 साल की थीं, तब उनकी शादी एक एनआरआई से तय हो गई थी। उस वक्त कोमल ने पीसीएस मेन्स की परीक्षा पास की थी।
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अब कोमल के पास एक तरफ करियर था और दूसरी तरफ परिवार की खुशियों के लिए शादी। कोमल ने इंटरव्यू देने के बजाय न्यूजीलैंड से इस रिश्ते को स्वीकार किया। उसने सोचा था कि यह शादी उसके जीवन में एक नई शुरुआत लेकर आएगी। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका ये फैसला उनकी सारी खुशियों पर पानी फेर देगा।
दहेज के लिए घर से निकाल दिया
कोमल की शादी 2008 में हुई थी। लेकिन दो सप्ताह तक भी उन्हें सुख नहीं मिला। कोमल दहेज के लोभियों के बीच फंस गई थी। मांग पूरी नहीं होने पर महज 15 दिन में ससुराल वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया। उसका पति भी उसके बचाव में नहीं आया और कोमल को छोड़कर विदेश भाग गया।
हालांकि कोमल को लगा कि थोड़े दिनों में सब ठीक हो जाएगा। उसे अब भी उम्मीद थी कि उसका पति और ससुराल वाले उसे वापस ले लेंगे। पर वह नहीं हुआ। कोमल ने कोशिश की। उसने अपने पति को खोजने की कोशिश की। लोगों से पूछताछ की। लेकिन उसके पति का कोई अता-पता नहीं है।
ससुराल और समाज से हारे, पर हौसले से नहीं
जब ससुराल चली गई तो कोमल मायके लौट आई। मैंने सोचा था कि परिवार वालों के साथ रहने से पुराने घाव भर जाएंगे। लेकिन समाज घावों को कहां भरता है? उसे खुरचने में मजा आता है। कोमल के साथ भी ऐसा ही हुआ। खुद दहेज की कुर्बानी देने वाली कोमल को शादी टूटने की वजह से लोगों के ताने सुनने पड़े। (IRS कोमल गनात्रा की UPSC Success Story)
इन सबसे परेशान होकर आखिरकार उसने अपना घर छोड़ दिया। वह अपने घर से दूर एक गाँव में रहने लगी। यह एक ऐसा गांव था जहां न इंटरनेट की सुविधा थी और न ही अंग्रेजी अखबार। यहीं रहकर उन्होंने अपनी तैयारी शुरू की। पैसे के लिए एक स्कूल में पढ़ाना शुरू किया।
आईआरएस कोमल गनात्रा की यूपीएससी सक्सेस स्टोरी
रास्ते में कई मुश्किलें और बाधाएं आईं, लेकिन कोमल ने हार नहीं मानी। उन्होंने तीन बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन असफल रहे। फिर भी, उन्होंने चौथा प्रयास किया और इस बार प्रयास रंग लाया। कोमल ने अखिल भारतीय 591वीं रैंक हासिल की और आईआरएस अधिकारी बनीं।
कोमल गनात्रा ने साबित कर दिया है कि हौसला हो तो हालात बदल जाते हैं। उनकी यह कहानी समाज की हर लड़की के लिए प्रेरणा बनेगी।