Success Story: मास्टर डिग्री लेकर अनिता ने शुरू किया जूते-चप्पल का काम, अब दे रहीं रोजगार

Govt Vacancy, कहा जाता है कि मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता दुनिया में शोर मचा दे। ऐसा ही कुछ किया है बिहार के आरा की अनीता ने। अनीता ने आरा में फुटवियर स्टार्टअप शुरू किया। तमाम दिक्कतों का सामना करते हुए उन्होंने अब एक अलग मुकाम बना लिया है। आत्मनिर्भरता के साथ-साथ अनीता अब आरा में 20 लोगों को अपने कारोबार में रोजगार दे रही हैं। यही वजह है कि आरा के 'रोशनिता एंटरप्राइजेज' को अब किसी पहचान की जरूरत नहीं है। अनीता के कारखाने के उत्पादों की गुणवत्ता सस्ती, टिकाऊ और आरामदायक है।
अनीता का सफर 2018 से शुरू हुआ था
आरा शहर के कतीरा में रहने वाली अनीता कुमारी ने साल 2018 में नोएडा से फुटवियर डिजाइनिंग में मास्टर डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने भोजपुर जिले के आरा शहर में अपना स्टार्टअप शुरू किया। उन्होंने न केवल पुरुषों और महिलाओं के लिए फुटवियर के कारोबार में कदम रखा, बल्कि अपनी मेहनत और लगन के बल पर कम समय में अपने स्टार्टअप को एक ब्रांड का आकार दे दिया। वोकल फॉर लोकल के कॉन्सेप्ट से अनीता आत्मनिर्भर बनीं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनीं। कारोबार बढ़ा तो अब उन्होंने 20 लोगों को रोजगार दिया है। इसमें आधा दर्जन से अधिक महिलाएं हैं। उन्हें अच्छा मुनाफा भी हो रहा है।
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अस्वीकृत नौकरी के विकल्प ने उद्योग शुरू किया
अनीता बताती हैं कि फुटवियर डिजाइनिंग एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट से मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद वह अपने गांव आरा चली गईं, जबकि उनके कई दोस्तों को अच्छे पैकेज वाली नौकरी मिल गई। वह कहती हैं कि उनके पास एक बड़ी फुटवियर कंपनी में काम करने का एक आसान विकल्प था, लेकिन उन्होंने अपने शहर आरा में जो सीखा, उसका उपयोग करने का फैसला किया। वह आरा शहर की महिलाओं को रोजगार देकर स्वावलंबी बनाना चाहती थीं। इसी वजह से उन्होंने एमएसएमई के साथ मिलकर रोशिता इंटरप्राइजेज नाम से लेदर प्रोडक्ट कंपनी बनाई। अनीता यहां महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार भी उपलब्ध करा रही हैं।
ये शहर की दुकानों में फुटवियर सप्लाई करते हैं
वह अपने फुटवियर ब्रांड से जूते-चप्पल तैयार करती हैं और उन्हें आरा शहर की दुकानों, स्कूली बच्चों और पुलिसकर्मियों को सप्लाई करती हैं। उन्होंने शहर के कैचमेंट एरिया में एक आउटलेट भी खोला है। अनीता बताती हैं कि उन्होंने नए डिजाइन को सस्ते में पेश किया। इससे उनका उद्योग शुरू हुआ। हालांकि शुरुआती कुछ महीनों में उन्हें काफी परेशानी हुई, लेकिन बाद में उन्हें मुनाफा दिखने लगा और अब वे समाज में एक मिसाल कायम कर रही हैं।