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खुशखबरीः हरियाणा सरकार मछली पालकों को पहले देगी सब्सिडी, फटाफट ये कागज लेकर पहुंचे अपने नजदीकी सैंटर

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खुशखबरीः हरियाणा सरकार मछली पालकों को पहले देगी सब्सिडी, फटाफट ये कागज लेकर पहुंचे अपने नजदीकी सैंटर

प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ी पहल की है। मछली पालकों को बड़ी राहत भरी खबर है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि मछली पालकों को अब केंद्रीय सब्सिडी का इंतजार नहीं करना होगा। राज्य सरकार मछली पालकों को एडवांस में सब्सिडी देगी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को सफल बनाने में सूबा सरकार की यह नई पहल है।

मुख्यमंत्री ने सिरसा जिले के मछली पालकों के लिए सिरसा में ही मछली पालन से संबंधित टेस्टिंग लैब स्थापित करने की भी घोषणा की है। इससे राज्य के झींगा मछली पालकों को सीधे लाभ होगा। अभी तक मछली पालकों को रोहतक जाकर लैब टेस्टिंग की सुविधा लेनी पड़ती थी। हरियाणा में मछली पालन में बिजली खपत एक बड़ी समस्या है।

फिलहाल सरकार जिन मछली पालकों की खपत 20 किलोवाट तक है, उन्हें 4.75 प्रति यूनिट दर पर बिजली उपलब्ध करवा रही है। मछली पालन अपने प्लॉट पर सोलर प्लॉट भी लगा सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रति हॉर्स पॉवर 20 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है, जो अधिकतम 2 लाख रुपए तक हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भिवानी जिले के गरवा गांव में 30 करोड़ रुपए की लागत से एक्वापार्क बनाया जाएगा। यह एक्वापार्क 25 एकड़ में बनेगा। इसमें मछली पालन से जुड़े नए-नए शोध, मछली पालन की नई किस्म, बीज पर शोध किया जाएगा। इससे मछली पालकों को सीधे लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिलने वाला लाभ अगले तीन वर्ष तक मिलेगा।

हरियाणा 4 हजार MT तक झींगा का उत्पादन करेगा। वर्ष 2014-15 में झींगा पालन का क्षेत्र 70 एकड़ था और कुल उत्पादन 140 मीट्रिक टन था, जो 2021-22 में बढ़कर 1250 एकड़ व 2900 मीट्रिक टन हो गया। सरकार ने इस वर्ष का लक्ष्य 1250 एकड़ से बढ़ाकर 2500 एकड़ करने तथा उत्पादन 2900 मीट्रिक टन से 4 हजार मीट्रिक टन रखा है।