10 मार्च से शुरू होगा हरियाणा कृषि विकास मेला-2023, जानिए इस बार क्या है इस मेले में खास

कुलाधिपति ने कहा कि प्राकृतिक खेती (natural farming) समय की मांग है। यह पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए एक बेहतर कृषि पद्धति है। इससे भूमि की गुणवत्ता में सुधार होता है और किसानों की आय में भी वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि मेले में आने वाले किसानों को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्राकृतिक खेती के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
वाइस चांसलर प्रो. बी.आर. कंबोज के मुताबिक मेले (Haryana Agriculture Development Fair-2023) में किसानों के अलावा बीज, खाद, कीटनाशक, कृषि मशीनरी और मशीनरी बनाने वाली कंपनियां भी भाग लेंगी. इस अवसर पर किसानों को विभिन्न कृषि गतिविधियों के लिए उपयुक्त मशीनों, उपकरणों और उनकी कार्य प्रणाली के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, किसान इन मशीनों और उनके निर्माताओं की कीमत के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस मेले के दौरान 'मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान' योजना (mukhyamantri pragatisheel kisan samman yojana) के तहत प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया जाएगा। मेले में पहुंचने वाले किसानों को लकी ड्रॉ के तहत कृषि यंत्र (Agriculture Machine) भी बांटे जाएंगे। मेले के दौरान किसानों के कल्याण के लिए प्रतिदिन समसामयिक विषयों (कृषि में महिलाओं का योगदान, प्राकृतिक खेती, कृषि में ड्रोन तकनीक का प्रयोग आदि) पर तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे।
कृषि मेला ग्राउंड, गेट नं. 3 के सामने मेला लगेगा
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने कहा कि पूर्व की भांति इस वर्ष भी यह मेला विश्वविद्यालय के कृषि मेला मैदान के सामने आयोजित किया जायेगा. मेले में किसानों को विश्वविद्यालय द्वारा संस्तुत खरीफ फसलों (kharif crops) के उन्नत बीजों एवं जैव उर्वरकों के अतिरिक्त कृषि साहित्य उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए विभिन्न सरकारी बीज एजेंसियों के सहयोग से मेला स्थल पर बिक्री काउंटर स्थापित किए जाएंगे। किसानों को विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म में वैज्ञानिकों द्वारा उगाई गई रबी फसलों को दिखाया जाएगा और उनमें इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। इस अवसर पर फसल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि किसानों की कृषि, पशुपालन और गृह विज्ञान से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए बैठकें आयोजित की जाएंगी. किसानों को मेला स्थल पर मिट्टी, सिंचाई के पानी और रोगग्रस्त पौधों की वैज्ञानिक जांच कराने की सुविधा दी जाएगी। इस अवसर पर उन्नत नस्ल के पशुओं की प्रदर्शनी एवं फसल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
हरियाणवी कार्यक्रम तीनों दिन चलेगा
सह निदेशक (विस्तार) डॉ. कृष्णा यादव ने बताया कि मेले में कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी के लिए स्टॉलों की बुकिंग चल रही है. यह बुकिंग चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा, उद्यानिकी विभाग, हरियाणा और भारतीय उद्योग मंडल द्वारा की जा रही है। निजी कंपनियों को 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर स्टॉल आवंटित किए जा रहे हैं। किसानों के मनोरंजन के लिए तीनों दिन हरियाणवी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष मार्च माह में कृषि मेले का आयोजन करता है, जिसमें हरियाणा एवं पड़ोसी राज्यों के हजारों किसान भाग लेते हैं।