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How can Apply Application for farm pond 80% subsidy. Get All Details in Hindi

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Application for farm pond subsidy: फसलों के उत्पादन और उत्पादकता तथा कृषकों की आय में वृद्धि के लिए कृषकों के पास सिंचाई के उपयुक्त साधन होना आवश्यक है। लेकिन लगातार गिरते भूमिगत जल स्रोतों से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे देखते हुए सरकार द्वारा सूक्ष्म सिंचाई विधियों और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से भारी सब्सिडी भी दी जा रही है।

इस सिलसिले में हरियाणा सरकार राज्य के किसानों को ड्रिप, मिनी-स्प्रिंकलर और पोर्टेबल-स्प्रिंकलर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली और जलाशयों के निर्माण के लिए भारी सब्सिडी प्रदान कर रही है। इससे न केवल सिंचित क्षेत्र में वृद्धि होती है बल्कि फसलों की उपज में भी वृद्धि होती है।

How can Get Benefits of drip and sprinkler scheme

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों को ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर और पोर्टेबल-स्प्रिंकलर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए 58 हजार एकड़ खेतों के 19517 लाभार्थियों को 179.39 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसलिए किसानों को जल संरक्षण योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। यह बात उन्होंने मिकाडा के हितग्राहियों से वर्चुअल बातचीत के दौरान कही.इस मौके पर उन्होंने न सिर्फ कई हितग्राहियों से संवाद किया बल्कि योजनाओं का फीडबैक भी लिया.

How to get 80% Subsidy of farm pond Scheme

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि खेत में ही जलाशय निर्माण पर सरकार व्यक्तिगत आवेदक को 70 प्रतिशत एवं किसान समूह के सदस्यों को 85 प्रतिशत की दर से सहायता प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा कि जलाशयों के निर्माण के लिए 2185 हितग्राहियों को 54.90 करोड़ रुपये और 2584 अन्य हितग्राहियों को 64 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल भूजल योजना के तहत राज्य के 1656 गांवों में किसानों को उनके हिस्से की मुआवजा राशि का 15 प्रतिशत डीबीटी के माध्यम से सीधे खातों में भेजा जा रहा है. अब तक 11284 हितग्राहियों के खातों में 19 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है।

सूक्ष्म सिंचाई से उपज बढ़ती है

मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में जिन किसानों ने सूक्ष्म सिंचाई को अपनाया है, उनके खेतों में फलों और सब्जियों की उपज में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि नहरों के माध्यम से सीधे खेत में डाले जाने वाले पानी की मात्रा की तुलना में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में 95 प्रतिशत अधिक पानी की सिंचाई की जाती है और इससे 48 प्रतिशत पानी की बचत होती है।