नरवा विकास योजना ने जिले के अनेक किसानों को दी संजीवनी

Govt Vacancy, तीन साल पहले इस गांव के किसानों की किस्मत ऐसी नहीं थी, सब कुछ मौसम की मेहरबानी पर निर्भर था. बारिश होने पर ही वे खेतों और बगीचों में फसल या हरी सब्जियां उगा सकते थे, अन्यथा सब कुछ सूखा था। गाँव के लोगों के पास न तो पानी था और न ही सब्जी या फसल उत्पादन के लिए आय।
यह मुख्यमंत्री भूपेश की दूरदर्शी सोच थी कि उन्होंने ग्राम सुराजी योजना के तहत नरवा योजना से छोटी नदियों और नहरों को विकसित करने और आसपास के ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने की कल्पना की। आखिरकार कुछ महीनों के बाद उनकी दृष्टि न केवल धरातल पर साकार हुई, बल्कि स्टाप डैम और नालियों जैसे कार्यों से ग्रामीणों को इतना पानी मिलने लगा कि वे न केवल हर मौसम में अपने बगीचों में सब्जियां पैदा कर पा रहे हैं, बल्कि धान सहित अन्य फसलों से आय भी बढ़ रही है।
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जांजगीर-चांपा जिला आज भी कृषि प्रधान जिला है और धान उत्पादन के मामले में अपनी अलग पहचान रखता है, किसान अमृत लाल ने कहा कि ढाई साल पहले स्थिति बहुत विकट थी. नहर में इतना पानी नहीं था कि फसल कट सके। अब स्टॉपडैम बनने के बाद वह धान के अलावा अन्य मौसम में गेहूं की फसल ले सकेंगे। इसके साथ ही वह बगीचे में सब्जियां भी उगाते हैं। इससे उस पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता है। गांव की महिला किसान मीना बाई ने सब्जियों का बड़ा हिस्सा पैदा किया है। उन्होंने कहा कि नहर के डैम होने से साल भर लगातार पानी रहता है, जिससे यह सालभर सब्जियों सहित फसलें भी उगा पाता है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें सब्जी के लिए कभी बाजार नहीं जाना पड़ेगा. पानी की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए उन्होंने अपने बगीचे में गोभी, पालक, गोभी, टमाटर, प्याज, लाल सब्जियां और अन्य सब्जियां उगाई हैं. वह इन सब्जियों को बेचकर कुछ पैसे कमा लेती है और उसके परिवार को अनावश्यक पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है। किसान पदुमन कश्यप ने बताया कि वह 30 डेसीमिल क्षेत्र के बगीचे में सब्जियां उगाते हैं और जरूरत के हिसाब से सब्जियां अपने पास रखते हैं और बाजार भी आते हैं. इससे उन्हें कुछ आय होती है।
कलेक्टर ने किसानों से चर्चा कर उनकी सराहना की
कलेक्टर तरण प्रकाश सिन्हा ने वन मंडल पदाधिकारी सौरभ सिंह ठाकुर के साथ ग्राम गतवा के कर्रानाला स्टाप डैम का निरीक्षण किया. इस दौरान हमने किसानों से चर्चा की तो किसानों ने बताया कि कर्रानाला में स्टापडैम बनने से उन्हें काफी लाभ मिल रहा है. किसान अमृत लाल ने कहा कि अब सब्जी उत्पादन और फसलों में पानी की कमी नहीं है क्योंकि पानी साल भर उपलब्ध रहता है. कलेक्टर ने स्टापडैम व पानी की कमी वाले स्थल पर किए गए कार्यों की भी सराहना की।
13 नहरों में 6 लाख से ज्यादा स्ट्रक्चर
जिले में नरवा विकास कार्य के तहत 13 नहरों पर कार्य स्वीकार कर 25006.006 हेक्टेयर वन क्षेत्र में 6 लाख 22 हजार 250 संरचनाओं का निर्माण किया गया है. कुल 12 हजार 617.92 हेक्टेयर क्षेत्र का उपचार किया गया है। जिले में कर्रा नाला, गंगदेई नाला, केरवार, चौतरिया, कोटड़ी, कटिया नाला, गोदालिहा, मुड़ा नाला, तेवनला, सुनबंधना, मसनिया और देवधारा नाला से जल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है.