लाखों की लागत से बने गौठान खाली, श्मशान में लग रहा मवेशियों का जमावड़ा

Govt Vacancy, पता नहीं सरकार की क्या योजना है जिसमें मवेशियों को श्मशान घाट भेज दिया गया है और भेड़ों के खेत खाली पड़े हैं। यह पूरा मामला नगर पंचायत केशकाल के मुक्तिधाम व गौठान का है जहां शनिवार दोपहर यह नजारा देखने को मिला. गौठान राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसे जिला प्रशासन द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में चलाया जा रहा है। गौशाला के विकास के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए हैं। मुख्य द्वार बंद है और मवेशी दिखाई नहीं दे रहे हैं, लेकिन वहां से कुछ ही दूरी पर स्थित श्मशान घाट का प्रवेश द्वार खुला है और मवेशी आराम से बैठे नजर आ रहे हैं.
आपको बता दें कि मुक्ति धाम और गौठान दोनों ही सड़क पर पड़ते हैं जहां से बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी प्रतिदिन टाटामारी की प्राकृतिक छटा देखने जाते हैं। शायद शनिवार को इस सड़क से गुजरने वाले हर पर्यटक ने सोचा होगा कि सरकार की ऐसी कौन सी योजना है जो यहां लागू हो रही है।
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गौठान से आप क्या समझते हैं ?
गोधन न्याय योजना (Goधन न्याय योजना) के तहत गांवों में पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौशालाओं का निर्माण किया गया है। अब तक प्रदेश के 2200 गांवों में गौठान का निर्माण हो चुका है। साथ ही 2800 गांवों में गौठान का निर्माण किया जा रहा है।