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इस बार नौंवी व 11वीं की परीक्षा होगी बोर्ड की तर्ज पर, नए सत्र से पूरे देश में एक साथ होगी परीक्षा

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board Exam
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CICSE) सत्र 2023-24 से देश भर के अपने स्कूलों में एक साथ 9वीं और 11वीं की परीक्षा आयोजित करेगा। परिषद इन कक्षाओं के प्रश्नपत्र भी हाईस्कूल और इंटर बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र की तरह भेजेगी। परिषद ने 9 नवंबर से 11 नवंबर तक त्रिवेंद्रम में आयोजित अपने 65वें वार्षिक सम्मेलन में यह निर्णय लिया। तीन दिनों तक चले इस सम्मेलन में गोरखपुर समेत देशभर के आईसीएसई स्कूलों के निदेशकों और प्राचार्यों ने हिस्सा लिया.

आईएससीई स्कूलों के शिक्षकों के लिए भी 50 घंटे का प्रशिक्षण अनिवार्य है
सम्मेलन से लौटने के बाद स्कूल एसोसिएशन गोरखपुर के अध्यक्ष अजय शाही ने कहा कि आईएससीई स्कूलों के शिक्षकों को सीबीएसई की तर्ज पर 50 घंटे का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा. एक साल में ट्रेनिंग पूरी होगी। ताकि शिक्षक समय के साथ नई जानकारी प्राप्त कर खुद को अपडेट कर सकें। 

सम्मेलन में परिषद ने यह भी कहा है कि देश के अलग-अलग शहरों की अलग-अलग स्थानीय भाषाएं हैं. ऐसे में पढ़ाई के दौरान सिर्फ अंग्रेजी ही नहीं बल्कि स्थानीय भाषाओं का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों को निर्देशित भी कर दिया गया है। सम्मेलन में परिषद ने स्कूलों को अपनी नई वेबसाइट और नया लोगो भी पेश किया। नई शिक्षा नीति और वर्तमान में हो रहे बदलावों की भी जानकारी प्राचार्यों व प्रबंधकों को दी गई।

इन विद्यालयों के प्राचार्यों एवं प्रबंधकों ने भाग लिया
आईसीएसई के वार्षिक सम्मेलन में स्कूल के निदेशक सुमित गांगुली, फादर जोश, निदेशक राजीव गुप्ता, प्रिंसिपल अपनीत गुप्ता और प्रिंसिपल आराधना शाही ने भाग लिया। फेलोशिप के लिए आवेदन 21 तक दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने सत्र 2019-20 और 2020-21 के लिए शोधार्थियों के लिए फेलोशिप आवेदन की तिथि निर्धारित कर दी है। 


इच्छुक शोधार्थियों को 21 नवंबर शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है। फेलोशिप आवेदन की जिम्मेदारी विभागाध्यक्षों और पर्यवेक्षकों को सौंपी गई है। आवेदन पत्र प्राचार्य छात्र कल्याण कार्यालय में जमा करना होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि विभागाध्यक्ष या शोध पर्यवेक्षक फेलोशिप संबंधी किसी आवेदन पर रोक लगाते पाये जाते हैं तो उनकी कार्रवाई को विश्वविद्यालय के आदेश की अवहेलना माना जायेगा.